Health : बाल का झड़ना समान्य प्रकिया है।रोज ५० से ७५ बाल हर दिन गिरते हैं जो बाद में स्वयंम उग जाते हैं। यदि इससे ज्यादा बाल झड़ने लगे तो तो वह गंजापन या ऐलोपिसीया कहलाता है। एलोपेसिया मे बाल भी पतले होने लगते है।
और पढ़ें : अखिल झारखंड छात्र संघ की बुढ़मू एवं ओरमांझी प्रखंड इकाई गठित
गंजापन के निम्न कारण होते हैं।इन कारणों को ठीक कर गंजेपन होने की प्रक्रिया को रोका जा सकता है।
१) कैंसर की केमोथेरेपी, बड़े आपरेशन और गंभीर इन्फेक्शन के बाद बालों का झड़ना शुरू हो सकता है।
२) स्त्रियों में शिशु को जन्म देने के बाद हार्मोन में अधिक बदलाव होता है और बाल झड़ने लगते है। अधिक मासिक धर्म से बाल अधिक झड़ते हैं।
३) थाइरॉयड , सेक्स हार्मोन में असंतुलन से गंजापन होता है
४) भोजन मे प्रोटीन, लौह, जस्ता या बायोटीन की कमी से भी गंजापन होता है।
५) सिर की त्वचा पर फंगस लग जाने से बाल झड़ने लगते हैं।
इसे भी देखें : बीडीओ को मजनू बनना पड़ा महंगा, समेत देश दुनियां की पांच ख़बरें
आधुनिक मेडिकल में मिनि डाकसिल तेल के अलावा गंजापन ठीक करने में विशेष दवाओं का अभाव है। हेयर ट्रांसप्लांट (बालों का प्रत्यारोपण) गंजापन ठीक करने का सबसे सफल तरीका है।आपरेशन विधि से गंजे सर पर नए बाल रोप दिया जाता है।जो नार्मल बाल की तरह खुद बढ़ने लगता है। ब्रश और कंघी का अधिक प्रयोग और टोपी से सर ढंक कर रखने से भी बाल झड़ने से रूकता है।
This post has already been read 10811 times!